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अतिथि शिक्षकों ने मांगी मौत मुख्यमंत्री जी या तो जहर दे दें या अतिथियों को नियमित करें ,,

 विदिशा/गंजबासौदा

अतिथि शिक्षकों ने मांगी मौत मुख्यमंत्री जी या तो जहर दे दें या अतिथियों को नियमित कर दें ।      


  15 वर्षों से अधिक समय से अतिथि के रूप में सेवाएं देते देते निराश हो गए अतिथि शिक्षक। हजारों को बेघर कर दिया। बेरोजगार कर दिया मुख्यमंत्री ने। एंकर - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गंजबासौदा नगर आगमन हो रहा है इस दौरान गंजबासौदा को जिला बनाओ अभियान समिति सहित कई संगठनों ने अपने ज्ञापन भी  सौंपने का निर्णय लिया है। 


लेकिन अतिथि शिक्षकों ,अतिथि विद्वानों में बहुत ज्यादा हताशा

निराशा है ज्ञापन देने की बजाय  वे मुख्यमंत्री से जहर की मांग कर रहे हैं उनका कहना है बरसों से सेवाएं देते देते उनकी रीढ़ की हड्डी तक टूटने की स्थिति में आ गई है कई कई महीने तक वेतन नहीं मिलता है प्राचार्य तथा बाबू भी उन पर आदेश चलाते हैं पूरे समय स्कूल में रोका जाता है शत-प्रतिशत रिजल्ट देने के बाद भी उनको अभी तक

नियमित नहीं किया गया है उनके पढ़ाई बच्चे अधिकारी बन गए लेकिन उनसे परीक्षा देने की बात की जाती है यह सरासर अन्याय है अतिथि शिक्षकों का कहना है या तो उन्हें नियमित कर दिया जाए या फिर मुख्यमंत्री उन्हें जहर दे दे तो एक बार में ही ही  जीवन लीला खत्म कर ली जाए सारा टेंशन ही खत्म हो जाएगा। अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से 12 महीने के सेवाकाल तथा 62 वर्ष तक की अवधि तक की सेवा मांगी है उनके पदों को रिक्त ना समझा जाए तथा जिन अतिथि शिक्षकों को अभी 2  साल के अंदर हटा दिया गया है उन सभी को पुनः नियुक्ति दी जाए ।आपको बता दें कि अतिथि शिक्षकों का यह भी कहना है यदि मुख्यमंत्री उन्हें नियमित करते हैं तो वे सभी 70,000 से अधिक अतिथि शिक्षक समर्पण भाव से मुख्यमंत्री के प्रति आभारी रहेंगे अन्यथा वे विरोध पर उतर आएंगे।

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