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कुपोषण का दंशकरोडों खर्च के बाद भी नतीजा शून्य..?

 कुपोषण का दंशकरोडों खर्च के बाद भी नतीजा शून्य..?

 

दस महीने की आसमा का वजन 4 किलो, होना चाहिए 9 किलो


कलेक्टर, सीएमएचओ व महिला बाल विकास अधिकारी, बुरहानपुर तीन सप्ताह में दें जवाब


बुरहानपुर जिले के धुलकोट के बसाली गांव की दस महीने की आसमा पिता महेन्द्र का वजन सिर्फ 4.06 किलोग्राम है। सामान्य तौर पर इस उम्र के बच्चों का वजन 9 किलो होता है। गंभीर कुपोषण की शिकार आसमा की मां की बीमारी के कारण डेढ़ माह पहले मौत हो चुकी है। आसमा का दस दिन से सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसके दादा किशन भाभरिया ने बताया बेटा मजदूरी करता है। मालूम हो कि जिले में 4 हजार बच्चों का वजन सामान्य से कम है। 1947 अति कम वजन के हैं। इनमें से 231 सिर्फ 15 दिन में मिले। पोषण पखवाड़े की रिपोर्ट में यह हकीकत सामने आई है।


मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा महिला व बाल विकास अधिकारी, बुरहानपुर को तीन सप्ताह में प्रतिवेदन देने को कहा है। आयोग अध्यक्ष ने इन अधिकारियों से पूछा है कि पूरे जिले में कितने बच्चे कुपोषण का शिकार हुए हैं एवं वर्तमान में भी कितने कुपोषित हैं ? जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक की विस्तृत जानकारी दें। साथ ही यह भी पूछा है कि इस समय पूरे बुरहानपुर जिले में इलाज के लिये (कुपोषण वाले) कितने बच्चे भर्ती हैं ? उनका क्या इलाज चल रहा है ? अधिकारी  यह भी जानकारी दें।

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