वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए आज 29 नवंबर को कलेक्टर श्री दीपक आर्य की अध्यक्षता में जिले के राईस मिलर्स की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में जिला विपणन अधिकारी श्री देवेन्द्र यादव, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री एस एस चौधरी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रशासक श्री आलोक दुबे एवं राईस मिलर्स उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री आर्य ने बैठक में राईस मिलर्स से कहा कि शासन की नीति के अनुरूप धान की कस्टम मिलिंग का कार्य करना है और इसमें राईस मिलर्स को सहयोग करना होगा। जिससे समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान की समय पर कस्टम मिलिंग का कार्य पूर्ण किया जा सके। राईस मिलर्स धान की मिलिंग के बाद अच्छी गुणवत्ता का चावल दें, इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। कस्टम मिलिंग से प्राप्त चावल ही प्रदेश की उचित मूल्य दुकानों में राशन कार्ड धारक उपभोक्ताओं को प्रदाय किया जाता है। चावल की गुणवत्ता को लेकर जिले का नाम खराब नहीं होना चाहिए। जिला प्रशासन का पूरा प्रयास होगा कि राईस मिलर्स को मिलिंग के लिए गुणवत्ता युक्त धान मिले।
बैठक में राईस मिलर्स द्वारा वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए प्रारंभिक तौर पर 10-10 लाट का अनुबंध करने की सहमति प्रदान की गई । एक लाट में 433 क्विंटल धान होती है। इस प्रकार एक राईस मिलर्स को 4330 क्विंटल धान की कस्टम मिलिंग प्रथम चरण में करना है। जिले में कुल 125 राईस मिल है। राईस मिलर्स को आश्वस्त किया गया कि धान की कस्टम मिलिंग में जो कुछ भी समस्या आयेगी उन पर चर्चा कर उनका निराकरण किया जायेगा। मिलिंग के लिए धान के उठाव एवं मिलिंग के बाद चावल प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी सुविधाजनक एवं न्यायसंगत बनाया जायेगा। बैठक में बारदाने की समस्या पर भी चर्चा की गई।
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