Ticker

6/recent/ticker-posts

उद्यानिकी फसल मानसिंह के जीवन में लाई खुशहाली "खुशियो की दास्तां"

श्योपुर | 


 

     श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम दुबड़ी निवासी श्री मानसिंह आदिवासी पुत्र श्री कालू आदिवासी की भूमि रकवा 1.000 हेक्टेयर में जिला प्रशासन की पहल पर उद्यानिकी विभाग के माध्यम से मिर्च, टमाटर, अमरूद फसल लेने की दिशा में प्रयास किये। इन प्रयासो के अंतर्गत उद्यानिकी फसल मानसिंह के जीवन में खुशहाली ला रही है। जिससे वह समाज में सम्मान जनक जीवन जीने में सहायक बन रहा है। 
     आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम दुबड़ी के निवासी श्री मानसिंह आदिवासी अपनी भूमि रकवा 1.881 में से उद्यानिकी फसल मिर्च, टमाटर, अमरूद की खेती 1.000 हेक्टेयर में करने के लिए मायूस हो रहा था। तभी उनके गावं पहुंचे कराहल उद्यान अधीक्षक श्री पीएस सिकरवार ने सलाह दी कि 1.000 हेक्टेयर भूमि में मिर्च, टमाटर, अमरूद की खेती करने से परिवार के आर्थिक हालात सुधरेंगे। कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन पर उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री पंकज शर्मा एवं संजय निकुंज के उद्यान अधीक्षक श्री पीएस सिकरवार को क्षेत्र के किसानों को उद्यानिकी फसलों में इजाफा करने की दिशा में किसानों को लाभ देने की प्रयास जारी है। 
     इन प्रयासों के अंतर्गत ग्राम दुबड़ी के निवासी श्री मानसिंह आदिवासी ने अपना प्रकरण उद्यान विभाग के माध्यम से तैयार कर जिला स्तर पर सहायक संचालक श्री पंकज शर्मा से भेंट की। तब सहायक संचालक उद्यानिकी श्री पंकज शर्मा ने मिर्च, टमाटर, अमरूद की 1.000 हेक्टेयर में फसल लगाने की स्वीकृति प्रदान की। साथ ही ड्रिप पद्धति से उद्यानिकी फसलों में पेड़ लगाने के बाद पानी का समूचित उपयोग करने की प्रेरणा ली। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री पंकज शर्मा के सहयोग से उद्यान अधीक्षक संजय निकुंज कराहल श्री पीएस सिकरवार भी उनकी मिर्च, टमाटर, बेंगन, अमरूद आदि की खेती में समय-समय पर अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ निगरानी कर रहे हैं।
     उद्यानिकी विभाग के माध्यम से कृषक मानसिंह आदिवासी ने 1.000 हेक्टेयर के अलावा 0.881 में मक्का, बाजरा, उड़द की खेती की। इसके उपरांत 1.000 हेक्टेयर में मिर्च, टमाटर, बेंगन, अमरूद का बगीचा लगाया। इससे उनके परिवार में आय बढ़ने लगी। साथ ही आर्थिक दिशा की ओर बच्चों की पढ़ाई लिखाई के बाद 1 लाख 50 हजार की आमदनी की बचत हुई। धीरे-धीरे ड्रिप एरीगेशन के माध्यम से उद्यानिकी फसलों में इजाफा होने लगा। उनकी आय अब 2 लाख रूपए प्रतिवर्ष पहुंच गई है। अपनी 1.000 हेक्टेयर भूमि में सब्जी, मसाला अमरूद की पैदावार को स्थानीय बाजार में बेचने के लिए सक्षम बन गया हूं।
     जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के दुबड़ी निवासी किसान श्री मानसिंह आदिवासी पुत्र श्री कालू आदिवासी ने बताया कि उद्यान विभाग के माध्यम से किसानों को सब्जी, मसाला, अमरूद के लिए ड्रिप एरीगेशन सहित लाभांवित करने के प्रयास जिला प्रशासन के सहयोग से साकार हो रहे हैं। जिसके कारण मैं आर्थिक तरक्की की राह पडकने में कामयाब हो रहा हूँ।
 



Ad Code

Responsive Advertisement