रीवा | |
कोविड-19 से हुए बदलाव को केन्द्र में रखकर बनाई जा रही नई विज्ञान नीति में महिला सशक्तिकरण को पंचायतों स्तर तक बढ़ावा मिलेगा। भारत में स्वतंत्रता के बाद चार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीतियों का निर्माण हो चुका है। पांचवी और नई विज्ञान नीति के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इस नीति में महिलाओं के सशक्तिकरण को पंचायतों तक पहुंचाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। यह विचार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के एडवाइजर एवं समूह प्रमुख डॉ. अखिलेश गुप्ता ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति 2020 और राज्यों से अपेक्षाएं विषय पर दूसरे दौर में राज्य स्तरीय ऑनलाइन विचार विमर्श में विस्तार से जानकारी देते हुए व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि पांचवी और नवीन विज्ञान नीति कोविड-19 महामारी के बाद समाज में हुए व्यापक बदलाव को केन्द्र में रखकर तैयार की जा रही है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि अभी तक चारों विज्ञान नीतियों को बनाने में वैज्ञानिकों का योगदान रहा था, लेकिन नई विज्ञान नीति में सभी राज्यों की विज्ञान परिषदों और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी शामिल किया गया है कि समाज को विज्ञान और वैज्ञानिकों से बड़ी अपेक्षाएं है। नवीन विज्ञान नीति 2020 का सृजन कोविड-19 की चुनौतियों के बीच हो रहा है, जिसमें समग्रता पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। विज्ञान भारती, ने अपने उद्बोधन में नवीन विज्ञान नीति में स्वदेशी प्रौद्योगिकी और नवाचारों को महत्व देने का एक अच्छा कदम बताया। बोर्ड विज्ञान नीति का मूल उद्देश्य स्वदेशी भावना का सशक्तिकरण और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत को आव्हान को साकार करना है। समाज में अवैज्ञानिक सोच को रोकने के लिए साइटिफिक टेम्पर को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। वर्तमान दौर में विज्ञान के विकेन्द्रीकरण पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिये। |
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