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सर्पदंश के मामलों में रखें सावधानी झाडफ़ूंक, टोना-टोटका या अन्य घरेलू नुस्खे न अपनाएं, शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क उपचार उपलब्ध

बैतूल | 17-जून-2020
 



 

 


     स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया है कि बरसात के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं आम है, इसलिये निरोधक उपाय के रूप में रात के समय या अंधेरे में अनजाने स्थान पर अनावश्यक गमन न करें, गड्ढे या कुंए में हाथ ना डाले बरसते पानी में नंगे पांव न घूमें एवं जूतों को झटककर पहनें। सर्पदंश होने पर कुछ सावधानियां रखें जिनमें हृदय की तरफ  वापस जाने वाले रक्त प्रवाह को रोकने हेतु हाथ, पैर, या कटे स्थान से ऊपर कपडा बांध दें, घाव पर एक छोटा सा चीरा लगाकर थोडा रक्त बह जाने दें, पानी से घाव धोते रहें, ध्यान रखें कि मरीज दौड़-भाग ना करे, मरीज को अन्य व्यक्ति उठाकर ले जाये, मरीज को चलायें नहीं, वाहन का उपयोग करें, मरीज को धीरज बंधाये, मरीज को तरल पदार्थ देते रहें तथा झाडफ़ूंक या अन्य घरेलू नुस्खे अपनाने में समय नष्ट करने की बजाय शीघ्र चिकित्सालय पहुंचाएं।
स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत एंटीवीनम इंजेक्शन शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं पर नि:शुल्क उपलब्ध है।

दो प्रकार का होता है सर्प विष
    भारत में प्रमुखत: सांप की कोबरा, वाईपर रसेल, क्रेट, सॉ स्केल्ड वाईपर नामक जहरीली प्रजातियां हैं। इसके अतिरिक्त अन्य प्रजातियां गैर जहरीली होती हैं। सांप के काटे के विष को वीनम कहते हैं, जो कि दो प्रकार का होता है, पहला-न्यूरोटॉक्सिक वीनम, दूसरा-हीमोटॉक्सिक वीनम। न्यूरोटॉक्सिक वीनम के लक्षण सर्पदंश के तत्काल बाद परिलक्षित होने लगते हैं जबकि हीमोटॉक्सिक वीनम के लक्षण परिलक्षित होने में आधा घंटा से 45 मिनिट का समय लगता है।

सर्पदंश पश्चात वीनम के मुख्य लक्षण
    शरीर का शिथिल होना, पलकों का झुक जाना, काटे हुये स्थान पर नीला पडऩा, सांस लेने में अत्यधिक परेशानी होना, सर्पदंश के स्थान पर सांप के काटे हुये दो दांत दिखना, मरीज का अचेत अवस्था में जाना तथा मृत्यु होना।

झाडफ़ूंक, टोना-टोटका से इलाज न कराए
    सर्पदंश का इलाज यदि समय पर उपलब्ध हो जाए तो मरीज की जान शत्प्रतिशत् बचाई जा सकती है। झाडफ़ूंक, टोना टोटका या अन्य किसी विधि के द्वारा इलाज कराये जाने में समय नष्ट करने के बजाय तत्काल निकटतम चिकित्सा केंद्र पर प्राथमिक उपचार करवाया जाकर उच्च चिकित्सा केंद्र पर एंटीस्नेक वीनम के डोज दिया जाना नितांत आवश्यक है। सर्पदंश में यदि इलाज में विलंब किया जाता है तो जान बचाया जाना बहुत कठिन हो जाता है।
    स्वास्थ्य विभाग ने जिले के समस्त नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार के टोना-टोटका झाडफ़ूंक के चक्कर में ना पडक़र तत्काल अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सकीय लाभ लें, 108 एंबुलेंस के माध्यम से सर्पदंश के मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जाना सुनिश्चित करें।




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