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स्वयं सफाई करके हमें दे रहे हैं स्वच्छ वातावरण (नोवेल कोरोना वायरस) "सफलता की कहानी " कोरोना की जंग, कर्मवीरों के संग

ग्वालियर | 


 

 

 


    आम समय में भी लोग गंदगी के पास खड़ा होना तो दूर उसके आसपास से निकलना भी पसंद नहीं करते हैं, लेकिन इस कोरोना रूपी महामारी के संकट के समय भी आम लोगों को स्वच्छ वातावरण व साफ  सड़कें उपलब्ध कराने के लिए सुबह से ही कचरे के ढेरों पर खड़े होकर कचरे को से उठाते हैं और कचरे को उचित डिस्पोजल के लिए लैंडफिल साइट पर भिजवाते हैं ।  ऐसे कर्मवीरों को हमें उनके जज्बे के लिए सलाम करना चाहिए।
   नगर निगम के कर्मठ सफाई कर्मचारी गब्बर पुत्र विनोद गंजी वाला मोहल्ला लक्कड़ खाने पर रहते हैं तथा प्रतिदिन प्रातः 6:00 बजे अपने परिजनों व बच्चों को सोता हुआ छोड़कर अपने घर से निकलकर वार्ड 34 की विभिन्न गलियों में कचरे को हटाने के लिए पूरी तन्मयता से जुट जाते हैं और अपने इस कार्य को ही वह सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं, जो कि हम सभी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।
   वैसे कहने को तो यह सामान्य कार्य है, लेकिन सोचिए यदि कुछ दिन तक सड़क से कचरा ना उठें, तो कुछ ही दिनों में उस सड़क का मंजर क्या होगा और कितनी गंदगी हो जाएगी। हमें इस गंदगी से बचाने के लिए सफाई कर्मवीर अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से कर रहे हैं। वहीं नवल बागड़ी निवासी रॉक्सी पुल के पास प्रतिदिन वार्ड 43 स्थित पारख जी के बाड़े में सुबह 6:00 बजे पहुंचकर अपनी हाथ ठेले की गाड़ी से हम लोगों द्वारा फेंका गया कचरा उठाते हैं और हमें स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराते हैं।
   सफाई कर्मवीरों का भी परिवार होता है और उनके बच्चे होते हैं जो कि चाहते हैं कि आम लोगों की तरह उनके साथ वह घर पर ही रहे, लेकिन यदि सफाई कर्मवीर घर बैठ गए तो हमारे शहर का क्या हाल होगा यही सोच कर हम सभी को शहर की स्वच्छता को लेकर अपना सहयोग करना चाहिए। हम सभी अपने घर से निकलने वाले प्रतिदिन के कचरे को घर पर ही डस्टबिन में रखें तथा कचरा संग्रहण वाहन आने पर ही उसमें डालें सड़क पर कचरा ना फेंके यही हमारा राष्ट्र के प्रति सच्चा धर्म होगा।
 




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