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मध्यप्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के मध्य मजदूरों के परिवहन के संबंध में निर्देश

रायसेन | 29-अप्रैल-2020
 



 

      मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के मध्य मजदूरों के परिवहन के संबंध में मध्यप्रदेश शासन स्टेट कंट्रोल रूम के प्रमुख सचित श्री मनु श्रीवास्तव द्वारा समस्त संभागीय आयुक्त, कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक मध्यप्रदेश को निर्देश दिए गए है।
जारी निर्देश के अनुसार मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों के मजदूरों को अपने गृह प्र्रदेश भेजने के संबंध में व्यवस्था निर्धारित की गई है। साथ ही अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश के श्रमिकों को वापस राज्य में लाने के संबंध में निर्देश दिये गए हैं। दोनो राज्यो के मध्य मजदूरों का अंतरण निम्न स्थानों पर होगा। जिसमें मुख्य बस स्टैंड झांसी उत्तर प्रदेश तथा मुख्य बस स्टैंड इलाहाबाद/प्रयागराज उत्तर प्रदेश है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मध्यप्रदेश के मजदूर इन दो स्थानों पर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों से उत्तर प्रदेश के मजदूर राज्य शासन द्वारा निर्धारित व्यवस्था के अनुसार उपरोक्त स्थानों पर पहुचाएं जाएंगे। उक्त स्थानों पर मजदूरों का अंतरण होगा। मध्यप्रदेश के श्रमिक उन्हीं वाहनों से राज्य के अलग-अलग जिलों में वापस पहुचाएं जाएंगे। यदि अतिरिक्त वाहनों की आवश्यकता है तब उसकी व्यवस्था परिवहन विभाग द्वारा की जाएगी। यह व्यवस्था 30 अप्रैल 2020 को लागू होगी।
इन स्थानों पर मध्यप्रदेश शासन की ओर से कार्य का पर्यवेक्षण निम्न अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। झांसी के लिए श्री विवेक रघुवंशी एडीएम तिल दतिया मोबाईल नम्बर-7000928244 तथा प्रयागराज के लिए श्री एकके झा संयुक्त कलेक्टर रीवा मोबाईल नम्बर-7580862234 द्वारा मध्यप्रदेश शासन की ओर से कार्य का पर्यवेक्षण किया जाएगा। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रभारी अधिकारी निम्न रहेंगे। झांसी के लिए श्री केे शर्मा रीजनल मैनेजर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम झांसी मोबाईल नम्बर-9412784224 तथा प्रयागराज के लिए श्री टीकेएस बिसेन रीजनल मैनेजर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम प्रयागराज मोबाईल नम्बर-9412705850 उत्तर प्रदेश की ओर से प्रभारी अधिकारी रहेंगे।

मध्यप्रदेश से जाने वाले मजदूरों के संबंध में

यह अत्यंत आवश्यक है कि उत्तर प्रदेश जाने वाले सभी मजदूरों को यह प्रमाणपत्र दिया जाए कि उनका प्राथमिक शारीरिक परीक्षण किया गया है और कोविड-19 का कोई भी लक्षण दिखाई नही दिया है। यह ध्यान में लाया जाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि वे ऐसे किसी मजदूर को स्वीकार नहीं करेंगे जिसके पास ऐसा प्रमाण पत्र न हो। इन मजदूरों के संबंध में जानकारी राज्य कंट्रोल रूम द्वारा संकलित की गई है जिसमें कुल 1462 व्यक्ति है। यह जानकारी आपको भेजी गई है और इसे संशोधित करने और अन्य श्रमिकों का नाम जोड़ने का आपसे अनुरोध यिका गया है। जिसके आधार पर कई जिलों से जानकारी प्राप्त हुई है और जानकारी संशोधित की गई है।
राज्य के विभिन्न जिलों में उत्तर प्रदेश के सीमा जिलों तक मजदूरों के परिवहन के लिए एक परिवहन प्लान बनाया गया है, जो कि संलग्न है। संभागीय आयुक्त इस परिवहन प्लान में यथावश्यक संशोधन कर सकेंगे। उक्त प्लान के अंर्तगत मजदर जिले से संभागीय मुख्यालय तक लाए जाएंगे, जिसके लिए वाहन की व्यवस्था जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी। सभागीय मुख्यालय में परिवहन प्लान के मुताबिक झांसी/इलाहबाद की परिवहन व्यवस्था संभागीय आयुक्त के मार्गदर्शन में संभागीय जिले के कलेक्टर व परिवहन विभाग के अधिकारियों के द्वारा की जाएगी। प्रत्येक वाहन के लिए एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। वाहन में पेयजल की व्यवस्था रखी जाए। संभागीय मुख्यालय से उत्तर प्रदेश के सीमा जिलों तक संबंधित प्रभारी अधिकारी जाएंगे।

उत्तर प्रदेश से वापस आने वाले मध्यप्रदेश के मजदूर

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वही मजदूर मध्यप्रदेश भेजे जा रहे है जो उनके राहत कैंप में है। इस प्रकार उनके द्वारा 1076 मजदूर भेजे जा रहे है। ये मजदूर मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में उन्हीं वाहनों से वापस आएंगे जो मध्यप्रदेश शासन द्वारा झांसी व इलाहाबाद तक भेजे गए है। झांसी व इलाहाबाद से मध्यप्रदेश के जिलों में वापसी के लिए वापसी परिवहन प्लान बनाया गया है जो कि संलग्न है। मध्यप्रदेश शासन की ओर से कार्य के पर्यवेक्षण अधिकारी वापसी के प्लान में यथावश्यक संशोधन करने के लिए अधिकृत होंगे।
जिला/संभागीय मुख्यालय से उत्तर प्रदेश जाने से पूर्व व वापस जिला/संभागीय मुख्यालय पहुॅचने पर समस्त मजदूरों का मेडिकल परीक्षण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि वापस आने पर वे होम कोरेंटाईन में ही रहंे और आवश्यकतानुसार उनका गहन चिकित्सा परीक्षण किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राज्य में वापस आने वाले मजदूरों को मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर योजना-2020 के अंर्तगत एक हजार रूपये की राहत राशि मिले। परिवहन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के सिद्धांतों का पालन किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि वाहन में निर्धारित संख्या से अधिक मजदूर न बैंठे हो। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों के मध्य मजदूरों का आना-जाना सुगमतापूर्वक हो सके, उसके लिए समस्त आवश्यक तैयारियां करने का कष्ट करे। इस संबंध में आप मुझसे किसी भी समय संपर्क कर सकते है।



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