उमरिया | 01-फरवरी-2020 |
वत्स पालन प्रोत्साहन योजना का उदेश्य प्रदेश में भारतीय देशी नस्ल के गौवंश को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित करना एवं उनके पास उपलब्ध उच्च आनुवांशिक गुणों वाले वत्सों का संरक्षण एवं सवंर्धन करना है। इस योजना मे ऐसे पुशपालक जिनके पास भारतीय देशी उन्नत नस्ल के पशु है तथा जिनका दुग्ध उत्पादन उस नस्ल के पशुओं के औसत दुग्ध उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है एवं उसका वत्स उच्च आनुवांशिक क्षमता वाले भारतीय नस्ल के सांड के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान अथवा प्राकृतिक गर्भाधान द्वारा पैदा हुआ है। ऐसी गायों के पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए पॉच हजार एवं उनके वत्सों के सरंक्षण हेतु पॉच सौ रूप्ये प्रतिमाह पशुआहार व औषधी के रूप में 0-4 माह की उम्र से दो वर्षो तक प्रदाय की जाएगी। इस योजना में नर एवं मादा दोनों प्रकार के वत्स लाभान्वित हो सकेगें। यह योजना सभी वर्ग के हितग्राहियों के लिए है। योजना इकाई भारतीय देशी उन्नत नस्ल की ऐसी गायें जिनका दुग्ध उत्पादन उनकी नस्ल के औसत उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है। इस योजना की लागत सत्रह हजार है। अधिक जानकारी के लिए संबंधित जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी व उप संचालक पशु चिकित्सा कार्यालय से प्राप्त कर सकते है। |
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