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सूचकांक के आधार पर बालाघाट जिला पुरूस्कार के लिए चिन्हित कुष्ठ के प्रति जागरूकता के लिए प्रारंभ हुआ कुष्ठ उन्मूलन पखवाड़ा

बालाघाट | 31-जनवरी-2020
 



 

 

 




    राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देशन में एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.सी पनिका के मार्गदर्शन में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान 30 जनवरी 2020 से 13 फरवरी 2020 तक चलाया जा रहा है। कुष्ठ उन्मूलन के इस पखवाड़े में विभिन्न गतिविधियों द्वारा जन समुदाय में कुष्ठ रोग की जानकारी दी जा रही है। सभी विकासखण्डों में महिलाओं की बैठकें, स्कूली छात्र-छात्राओं की रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। कुष्ठ उन्मूलन के लिए अपील एवं संकल्प का वाचन किया जा रहा है।
    कुष्ठ उन्मूलन संकल्प में सभी लोगों को अपने गांव व शहर को कुष्ठ मुक्त करने के लिये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताये गये मार्ग पर चलने एवं कुष्ठ रोगियों के साथ सहज व सामान्य मानवीय व्यवहार करने का संकल्प दिलाया जा रहा है । आम जनता को शिविर लगाकर बताया जा रहा है कि कुष्ठ एक साधारण रोग है जो कुष्ठ जीवाणु से होता है। कुष्ठ रोग बहु-औषधि उपचार से पूरी तरह ठीक हो जाता है। सभी कुष्ठ रोगियों की खोज कर उन्हें पूरा उपचार दिलाकर रोग मुक्त करेंगे ।
    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर 30 जनवरी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय बालाघाट में कार्यक्रम का आयोजन कर कुष्ठ रोग के उन्मूलन का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि बालाघाट जिला मार्च 2019 के सूचकांक के आधार पर कुष्ठ मुक्त जिले के सभी मापदंड पूरा कर रहा है । इस पर आगामी वित्तीय वर्ष में भारत सरकार द्वारा जिले को निर्धारित राशि से सम्मानित किया जायेगा।
    श्री एस.एस.पाटील एनएमएस बालाघाट द्वारा इस अवसर पर स्पर्ष कुष्ठ जागरूकता अभियान में की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गयी एवं समाज में कुष्ठ के प्रति फैली भ्रम भ्रांतियों को दूर करने के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग में सही समय पर अथवा पूरा उपचार नहीं लेने पर हाथ पैरों में एवं आंखों में विकृति आने की संभावना बना रहती है। विकृति ही समाज में गलत धारणायें एवं भ्रम-भ्रांतियॉं फैलाती है । इन विकृतियों का जल्दी जांच एवं पूरा उपचार लेने से बचा जा सकता है। जल तेल उपचार एवं व्यायाम, विकृति रोकने में सहायक होते हैं। शासन द्वारा कुष्ठ प्रभावितों में आने वाली विकृति को रि-कन्सट्रेक्टिव सर्जरी द्वारा ऐसे अंगों को कार्य करने लायक बनाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में सराहनीय सहयोग श्री बैजनाथ राहंगडाले एनएमए बालाघाट आदि का रहा।




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