रीवा | 31-जनवरी-2020 |
कलेक्टर बसंत कुर्रे ने आवेदन पत्रों में समय सीमा में कार्यवाही न करने तथा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने सभी एसडीएम, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, सीएमओ एवं कार्यालय प्रमुखों को निर्देश देते हुए कहा है कि जांच प्रतिवेदन समय सीमा में प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री कार्यालय एवं विभिन्न आयोगों तथा वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त पत्र कार्यवाही कर समय सीमा में प्रतिवेदन देने के लिए कलेक्टर कार्यालय से भेजे जाते हैं। आपके द्वारा समय सीमा में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने पर वरिष्ठ कार्यालयो को जानकारी दिया जाना संभव नहीं होता है। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय तथा अन्य वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त पत्रों को सभी अधिकारी पृथक पंजी में संधारित करें। उनमें वांछित कार्यवाही करके समय सीमा में प्रतिवेदन दें। यदि अंतिम रूप से प्रतिवेदन दिया जाना संभव न हो तो अंतरिम उत्तर प्रस्तुत करें। साथ ही इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख करें की अंतिम प्रतिवेदन किस दिनांक तक प्रस्तुत होगा। कार्यालय में लंबित आवेदन पत्रों के निराकरण की प्रतिदिन समीक्षा करें। ऐसा करने पर लगभग 90 प्रतिशत आवेदन पत्र निराकृत हो जायेंगे। विभिन्न कारणों से केवल 10 प्रतिशत आवेदन लंबित रहेंगे। कलेक्टर ने कहा कि शिकायतों की जांच करते समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें की जिन अधिकारियों अथवा कर्मचारी के विरूद्ध शिकायत की गयी है उनसे ही प्रकरण की जांच न करायें। जांच के बाद प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से अपना अभिमत दर्ज करें। आवेदक कई बार अपनी शिकायत जिला स्तर पर दर्ज करने के साथ उसे मंत्रालय तथा वरिष्ठ कार्यालयों को भी भेज देते हैं। जांच प्रतिवेदन के तथ्यों की जानकारी उन सभी कार्यालयों को प्रेषित करें जहां शिकायतें की गयी हैं। कई आवेदन पत्र केवल इस लिए लंबित हैं कि उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यदि हम थोड़ा सा प्रयास करें कि आवेदन पत्र को ठीक से समझ लें तो उनका निराकरण सरलता से हो जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी प्रयास करें तो आवेदन पत्रों के निराकरण में हम प्रदेश में स्थान प्राप्त कर सकते हैं। इससे हमें तो संतोष मिलेगा ही कई जरूरतमंद तथा पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ एवं न्याय भी प्राप्त हो सकेगा। आवेदन पत्रों के निराकरण में लापरवाही सहन नहीं की जायेगी। |
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