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नही मिलेंगे नए कनेक्शन, किसानों को अब सोलर एनर्जी से करनी होगी सिंचाई

 किसान अब साेलर एनर्जी से खेतों में सिंचाई कर सकेंगे। उन्हें कृषि पंप के लिए नए कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। तीनों बिजली कंपनियां कृषि पंप योजना के तहत किसानों को नए कनेक्शन नहीं देंगी।


जिन खेतों के आसपास बिजली कनेक्शन नहीं हैं वहां नई लाइनें नहीं लगाई जाएंगी। इसकी मुख्य वजह बिजली कंपनियों का इस काम में मोटी रकम खर्च होना है। ऐसे स्थानों पर किसानों को सब्सिडी देकर सोलर पैनल लगाए जाएंगे और उसी से किसान सिंचाई कर सकेंगे।


इसके लिए सरकार ने किसानों को तीन भागों में बांटा है। खास बात यह है कि बिजली सरप्लस होने पर किसान बिजली बेच भी सकेंगे। इसके लिए विद्युत नियामक आयोग टैरिफ तय करेगा। सोलर कृषि पंप के लिए रेट भी तय कर दिए गए हैं। 1 एचपी पंप के लिए 19 हजार, 2 एचपी के लिए 23 हजार, 3 एचपी के लिए 36 हजार, 5 एचपी के लिए 72 हजार और साढ़े 7 एचपी के लिए 1 लाख 35 हजार रुपए देना होंगे।


सोलर कनेक्शन के लिए शर्तें:-


कृषि पंप के लिए पहले से बिजली कनेक्शन नहीं होना चाहिए।
अगर कनेक्शन है तो उसे कटवाना होगा तभी अनुदान का लाभ मिल सकेगा।
ये है खासियत


डीसी पंप रहेंगे जो सुबह 6.30 बजे से शाम 6.30 तक लगतार चल सकेंगे। 
सर्दी में कम धूप में भी काम करेंगे। 
स्टेनलेस स्टील के पंप जिनके खराब होने की संभावना कम होती है।
सोलर कृषि पंप के तीन पहलू 
1. ऐसे किसान जिनके खेताें के आसपास फीडर या बिजली लाइन नहीं पहुंची है, जो डीजल से सिंचाई कर रहे है । उन्हें करीब 90 फीसदी सब्सिडी देकर सोलर पैनल व पंप लगाए जाएंगे। चार एकड़ के खेत में पांच एचपी का पंप लगता है जिस पर करीब तीन लाख का खर्च आता है। किसान को केवल 30 हजार ही देना होंगे। इसके बाद उन्हें बिजली मुफ्त मिलेगी। यह 25 साल तक काम करता है। 
2. ऐसे किसान जिनके खेत में बिजली कनेक्शन हैं पर वे साेलर पैनल से पंप भी चलाना चाहते हैं। ऐसे में वे सरप्लस बिजली सरकार काे बेच सकते हैं। 
3. ऐसे किसान जिनकी जमीन अधिक है और जिनके खेत पर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट के बीच की क्षमता वाले साेलर पैनल लगाए जाएं। किसान जितनी बिजली इससे लेना चाहें लें और सरप्लस बिजली बेच सकते हैं।  


नोटिफिकेशन जारी होते ही शुरू कर देंगे काम, किसानों को होगा फायदा


ऊर्जा विकास निगम के मुख्य अभियंता भुवनेश पटेल ने बताया कि नोटिफिकेशन जारी होते ही काम शुरू कर देंगे। सिंचाई सौर ऊर्जा के माध्यम से हो, इसके लिए यह कदम उठाया गया है। बिजली कंपनियां सिंचाई के लिए नए कनेक्शन नहीं देंगी। सोलर के माध्यम से सिंचाई होगी।
           


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