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मेहनत और प्रेरणा से बदलती है तकदीर "खुशियों की दास्तान" आजीविका मिशन ने बनाया संगीता को सफल व्यवसायी

सीधी | 02-जनवरी-2020
 



 

 

 


 

  ''संगठन में शक्ति होती है''- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं ने इस कथन को चरितार्थ करके दिखाया है। छोटी-छोटी बचत के माध्यम से कैसे बड़े लक्ष्य की प्राप्ति संभव है यह स्वसहायता समूह की महिलाओं ने साबित किया है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के अभियान में ग्रामीण आजीविका मिशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
   सीधी जिला मुख्यालय से 40 किमी दूरान्चल में स्थित विकासखण्ड मझौली के ग्राम छूही की रहने वाली संगीता कचेर एक गरीब परिवार की महिला है। ग्राम में ग्रामीण आजीविका मिशन की पहुंच होने पर वह स्वसहायता समूह से जुड़ी एवं शिवानी स्वसहायता समूह से जुड़कर निरंतर बैठक एवं बचत करने लगी। एक ही सामुदाय का समूह होने के कारण सदस्यों में आपसी ताल-मेल सही था। प्रतिमाह 40 रूपये प्रति सदस्य बचत कर नियमित रूप से समूह की बैठक आयोजित की गयी। इसके साथ ही चक्रिय राशि 13 हजार रूपये स्वसहायता समूह को प्राप्त हुई। छरू माह में समूहो के द्वारा 2640 रूपये बचत एवं 75 हजार रूपये सामूदायिक निवेश निधि की राशि प्राप्त हुई। समूह के बैठक के निर्णय आधार पर बैंक द्वारा नगद साख सीमा 50 हजार रू. मध्यांचल ग्रामीण बैंक मझौली द्वारा भी जारी की गई।
   संगीता कचेर ने समूह की बैठक में किराना एवं जनरल स्टोर गतिविधि करने की बात रखी जिसका सभी सदस्यों ने सहमति के आधार पर 25 हजार रूपये ऋण के रूप में प्रदाय किया गया। इसके साथ ही स्वयं के बचत के पैसों से 15 हजार रूपये संगीता ने भी व्यवसाय में लगाए। संगीता ने कभी नहीं सोचा था कि वो समाज के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगी। वह निरंतर व्यवसाय के साथ-साथ कृषि कार्य में भी समय देती है। उनकी मेहनत के कारण उनका व्यवसाय चल निकला। व्यवहार कुशलता के कारण ग्राम छूही, ताला, खंतरा बघैला एवं तिलवारी के लोग किराना एवं जनरल सामग्री खरीदने के लिए संगीता कचेर की दुकान में आने लगे। संगीता द्वारा मौसम के हिसाब से धान/गेहूं/महुआ एवं डोणी आदि का भी क्रय-विक्रय कर आमदीन का श्रोत को नियमित बनाए रखा। परिवार के द्वारा सब्जी के लिए पोषण वाटिका का भी निर्माण कराया गया है, जिससे परिवार को हर दिन ताजी हरी सब्जी मिल जाती है।
   आज की स्थिति में परिवार को प्रतिमाह औसतन किराना एवं खेती के माध्यम से 6500 से 7 हजार रूपये की आय प्राप्त हो रही है । उनका बच्चाअच्छे स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रहा हैं। पति भी इनके काम में सहयोग कर रहे हैं। आज संगीता अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए स्वयं की मेहनत तथा सहयोग के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन को सफलता का श्रेय देती है। संगीता का कहना है कि वह भविष्य में लोगों को गतिविधियों से जोड़ने में मदद करेगी और साथ ही यह प्रयास करेगी कि गांव का हर परिवार समाज के मुख्य धारा में जुड़े शासन की योजनाओं का लाभ लेकर अपना और अपने परिवार का विकास करें।




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