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सेहत-सूरत और सुकून का सबब ये नायाब साइकिल “खुशियों की दास्ताँ’’ - भोपाल |

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भोपाल | -नवम्बर-2019
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    आपकी सूरत-सेहत और सुकून की चिंता ने अकदस लारी को कुछ ऐसा करने पर विवश किया और इस बारहवीं के विद्यार्थी ने ऐसी सेल्फ बैलेसिंग साइकिल का निर्माण कर दिया जो कभी भी –कहीं भी आपको सिर्फ आधा घंटे में तंदरूस्त और ताजा-तरीन रख पाने में कारगर हो।
    हाल ही में आंचलिक विज्ञान केन्द्र में संपन्न हुई विज्ञान प्रदर्शनी में अकदस लारी ने अपनी इस “सेल्फ बैलेसिंग साइकिल'' को प्रदर्शित किया। कैम्पियन स्कूल के कक्षा 12वीं के छात्र मोहम्मद अकदस लारी-जिसने विज्ञान की अद्भुत और नायाब तकनीक से “सेल्फ बैलेसिंग सायकिल” का निर्माण किया। इस साइकल का उपयोग करने वाले व्यक्ति को व्यायाम और कसरत के लिये जिम जाने की आवश्यकता नहीं होगी, वे इसे कहीं भी रहते हुए अपने आप को फिट रख सकते हैं।
        मास्टर मोहम्मद अकदस लारी बताते है कि भाग-दौड भरी जिंदगी से लोगों को जूझते देखा और वह इससे खासे चिंतित हुए। उन्होंने स्व-प्रेरणा से आम लोगों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सेल्फ बैलेसिंग सायकिल का निर्माण किया। वह बताते है कि इस सायकिल को प्रतिदिन आधा घंटा चलाने से व्यक्ति को फ्रेशनेस, खुशी का अहसास और सुख की अनुभूति होगी। मास्टर अकदस ने बताया कि इस सायकिल को कई स्मार्ट फीचर से जोड़ा गया है, जो प्रतिदिन होने वाली थकान को दूर करती है। इसके साथ ही इसमें 18 गियर है, जो इसे तेज गति‍भी प्रदान करता है। साथ ही यह अन्य सायकिलों की अपेक्षा सुंदर है, इसमें जीआरएस मोनो शॉकप भी लगाये गये हैं जिससे सायकिल चलाते समय चालक को आराम मिले। इसके उपयोग से आम आदमी भारी भरकम राशि और अत्यधिक मेहनत से बच सकता है और दैनिक जीवन में आने वाली परेशानियों और मानसिक थकावट को बहुत हद तक कम कर सकता है।

 



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