भोपाल | 31-दिसम्बर-2019 |
सरकार की योजनाएं कैसे विपत्तिग्रस्त परिवारों के लिए वरदान साबित होती हैं – यह पता लगता है प्रीति श्रीवास्तव जैसी होनहार महिलाओं से। वे बताती हैं कि परिवार में सास, ससुर, पति तथा चार बच्चे हैं पति का व्यवसाय भी ऐसा नहीं था कि परिवार का गुजर बसर अच्छे से हो पाए। इसी बीच एक दुर्घटना में पति पैरों से चलने में लाचार हो गए। परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया। दुख और चिंता की इस घड़ी में सहारा बनी शासन की महत्वाकांक्षी “ग्रामीण आजीविका मिशन” योजना, जिसके तहत स्व सहायता समूहों द्वारा महिलाओं को स्वयं के व्यवसाय हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। श्रीमती प्रीति बतातीं हैं कि जब दुर्घटना में पति कार्य करने से लाचार हो गए तो वे बहुत चिंताग्रस्त हो गई कि अब बच्चों का क्या होगा। इतने बड़े परिवार का पालन कैसे होगा। तभी उन्हें ग्रामीण आजीविका मिशन योजना की जानकारी प्राप्त हुई, वे गांव के ही सागर स्व-सहायता समूह से जुड़ी और दस हजार रूपये का ऋण स्वयं के लघु व्यवसाय टिफिन सेंटर आरंभ करने के लिए प्राप्त किया। शुरू में 5-10 टिफिन बनाना आरंभ किए। वर्तमान में 25-30 टिफिन बनाकर स्कूल तथा कालेज के विद्यार्थियों को सप्लाई करने लगीं। आज श्रीमती प्रीति प्रतिमाह 20 हजार के लगभग आमदनी प्राप्त कर रहीं हैं और बड़ी बात ये है कि एक व्यक्ति को रोजगार भी प्रदान कर रहीं हैं। श्रीमती प्रीति फंदा ब्लाक के ग्राम सरवर में निवास करती हैं। श्रीमती प्रीति खुशी खुशी बताती है कि शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना से हमें जीवन में नई राह मिली। हमें स्वयं के पैरों पर खड़ा होने का अवसर मिला। वे कहती हैं कि इस योजना से महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे और वे अपने सपनों को साकार कर सकेंगी। श्रीमती प्रीति सभी महिलाओं की ओर से शासन को बहुत बहुत धन्यवाद देती हैं। |
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