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भोपाल | |
यूं ही नहीं कहा गया है कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है, जरूरत है उस आवश्यकता को पहचानने और उसकी पूर्ति के लिए कुछ बेहतर करने की सोच-ऐसी ही सोच रखने वाली लगभग 12 साल की रिया जैन ने वह कर दिखाया जो आम आदमी को थोड़े से खर्च में सुविधा संपन्न बनाती है। जी हाँ रिया ने किया वातानुकूलित छाते का अविष्कार। सच में रिया ने कुछ अद्भुत किया है, सेंट जोसेफ को-एड स्कूल, भोपाल में पढ़ने वाली रिया जैन ने। उनके इस अविष्कार को जिसने भी देखा, उसने वाह तो कहा ही आश्चर्य से भी लोगों ने रिया के इस बहुउद्देशीय छाते के बारे में पूरी जानकारी भी लेने में देरी नहीं की। वाकया है हाल ही मैं आंचलिक विज्ञान केन्द्र, भोपाल में संपन्न हुई विज्ञान प्रदर्शनी का, जहाँ जिले भर के स्कूली बच्चों ने अपने ज्ञान और कौशल से तैयार किए गए स्वयं के अविष्कारों को प्रदर्शित किया। रिया जैन बताती है कि उन्हें विज्ञान में कुछ नया करने की ललक थी वे चाहती थी कि कुछ ऐसा नवाचार हो जो आमजन के दैनिक जीवन के लिए उपयोगी हो। रिया ने दैनिक जीवन में धूप एवं वर्षा से बचाव के लिए एक बहुउद्देशीय छाते का निर्माण किया है। छाते की विशेषता यह है कि इसमें रोशनी के लिए टार्च, गर्मियों से बचने के लिए पंखा और जीपीएस सिस्टम भी लगा हुआ है। उन्होंने छाते में एक बैटरी भी लगाई है बैटरी को चार्ज करने के लिए छाते के ऊपर ही एक सोलर प्लेट भी लगी हुई है जो कि धूप में बैटरी को चार्ज करती है जिससे पंखा और टार्च अपना काम करते हैं। वह खुशी-खुशी बताती है कि इस बहुउद्देशीय छाते की लागत मात्र 150 रूपये है। छाते को आसानी से किसी भी स्थान पर सुगमता से ले लाया-जाया जा सकता है। सही में आज के बच्चों का ज्ञान और कौशल दुनिया को एक नई दुनिया बनाने में लगा है। |
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