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तकदीर बदलने हेतु महिला किसान से अन्य फसलें छोड़ीं और शुरू की एलोवेरा की खेती (सफलता की कहानी)



एलोवेरा

(ग्वारपाठा) की खेती अब मुनाफे का व्यवसाय बनने लगी है। इसी कारण जय-पीताम्बरा स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती सविता राय के ग्राम संगठन से तीस हजार रूपये लोन से शुरू की गई एलोवेरा की खेती से जीवन स्तर में तेजी से सुधार आया है।
    दतिया जिले के ग्राम डंगराई की रहने वाली तीस वर्षीया महिला किसान सविता राय के पास खेती बाड़ी थी, पर वह संतुष्ट नहीं थी। किसानों के परिवार से आने वाली सविता कुछ अलग करनी चाहती थीं। एकबार किसी ने उन्हें एलोवेरा की खेती के फायदे बताए और यहीं से उनकी जिंदगी ने एक सुखद मोड़ लिया।
    सविता बाकी फसलों की खेती छोड़कर अपनी चार बीघा जमीन में एलोवेरा की खेती करने लगीं, सौंदर्य एवं दवाओं के उत्पादन के लिए बहुतायत में इस्तेमाल किया जाने वाला ऐलोवेरा की देश-विदेश में बढ़ती मांग की वजह से इसकी खेती की जाने लगी है। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी है। जिले में एलोवेरा की खेती को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन महिला स्वसहायता समूहों के जरिए महिला किसानों केा प्रोत्साहित कर रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिला कृषक इसकी खेती का लाभ उठा सकें।
    सविता पहले अपने खेतों में उड़द, मूंग, मूंगफली, गेहॅू की खेती करती थीं। मगर अति वर्षा या अवर्षा में इनके बर्बाद होने का खतरा बना रहता है। जबकि एलोवेरा की फसल पर इनका ज्यादा असर नहीं पड़ता। सविता इन सबसे वाकिफ थीं। इसलिए उनका दिल हमेशा कुछ और चाहता था। उनके पास जमीन थी, पानी था, लेकिन आइडिया नहीं था। वह कुछ नया करना चाहती थीं। साल भर पहले जब किसी ने उन्हें सुझाया, तब उनके दिमाग में एलोवेरा की खेती का ख्याल आया। उन्होंने इसकी खेती शुरू की और उन्हें कामयाबी मिली।
    सौंदर्य प्रसाधन एंव दवाइयों में एलोवेरा की उपयोगिता के कारण इसकी मार्केट में हमेश बनी रहने वाली डिमांड को देखते हुए सविता को वर्तमान में इसकी फसल से भारी मुनाफा होने की उम्मीद है। अपनी फसल से उत्साहित सविता कहतीं हैं कि अन्य परंपरागत फसलों की खेती में अब ज्यादा फायदा नहीं है। मौसम अनुकूल नहीं हेाने पर खेती में घाटा है। इसलिए अब मुनाफे के लिए एलोवेरा जैसी फसलों की ओर रूख करना आवश्यक हो गया है। मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला परियोजना प्रबंधक श्रीमती संतमती खलखो ने बताया कि हम दतिया जिले में महिला स्वसहायता समूह के सदस्यों द्वारा उगाए गए एलोवेरा को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। इसको कहीं भी किसी भी जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है। एलोवेरा की खेती के लिए महिला किसानों को मिशन द्वारा वित्तीय मद्द भी मुहैया कराई जाएगी।

 



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