प्रदेश में रेरा एक्ट के लागू होने के बाद प्रोजेक्ट तथा प्रॉपर्टी बिक्री के कार्य में लगे सभी एजेन्ट और ब्रोकर्स को रेरा में पंजीयन कराना जरूरी हो गया है। ऐसा न करने पर प्रतिदिन 10 हजार रूपये का जुर्माना देना होगा। रेरा प्राधिकरण के देखने में आ रहा है कि अभी तक प्रदेश की करीब 2200 परियोजनाओं का ही पंजीयन कराया गया है, जो अपेक्षाकृत कम हैं। इसमें से सबसे कम परियोजनाओं का पंजीयन ग्वालियर तथा चंबल संभाग में हुआ हैं। साथ ही अभी भी कुछ प्रोजेक्ट पंजीयन से छूटे हुए है। आमजन के लिये अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेन्ट की पहचान करने हेतु रेरा प्राधिकरण ने पुरस्कार योजना भी लागू की हैं। अगर प्रदेश के किसी भी जिले से अभी तक किसी एजेन्ट ने पंजीयन नही कराया है, तो इसकी भी जानकारी देने पर भी इनाम मिलेगा।
रेरा में प्रदेश के भोपाल संभाग में भोपाल जिले में 533, रायसेन में 55, राजगढ़ में 14, सीहोर में 27 तथा विदिशा जिले में 19 परियोजनाओं का पंजीयन हुआ हैं। चबंल संभाग में मुरैना जिले में 03, श्योपुर में 04, भिण्ड में 0, ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में 80, अशोक नगर में 03, शिवपुरी में 05, दतिया में 0, गुना में 08, इन्दौर संभाग के अलीराजपुर में 05, बड़वानी में 21, बुरहानपुर में 09, इन्दौर में 563, जबलपुर संभाग के बालाघाट में 18, छिन्दवाड़ा में 69, जबलपुर में 176, कटनी में 13, मण्डला में 04, नरसिंहपुर में 26, सिवनी में 25 तथा डिण्डोरी जिले में 03 परियोजनाओं का पंजीयन हुआ हैं।
इसी प्रकार से नर्मदापुरम् संभाग के बैतूल जिले में 28, हरदा में 19, होशंगाबाद में 68, रीवा संभाग के रीवा में 28, सतना में 23, सीधी में 02, सिंगरौली में 03, सागर संभाग के छतरपुर में 19, दमोह में 15, पन्ना में 02, सागर में 25, टीकमगढ़ में 05, शहडोल संभाग के शहडोल में 20, अनुपपुर में 05, उमरिया में 04, निवारी में 0, उज्जैन संभाग के आगर-मालवा जिले में 07, देवास में 41, मंदसौर में 60, नीमच में 20, रतलाम में 46, शाजापुर में 07 तथा उज्जैन जिले में 64 परियोजना का पंजीयन कराया जाना शामिल हैं।
रेरा एक्ट के मई 2017 में लागू होने के बाद से रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव हुआ है। रेरा एक्ट को लागू होने के पश्चात् सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का रेरा में पंजीयन के अलावा उनकी हर तीन माह में प्रगति प्रतिवेदन देना पड़ता हैं। रेरा एक्ट मूलतः आवंटी केंद्रित है। समय पर प्रोजेक्ट को पूरा न करने पर आवंटितयों को उल्टा मुआवजा भी देना पड़ता है। एक्ट की सफलता के लिये यह आवश्यक है कि सभी नगरों और कस्बों में जो बिल्डर, कालोनाईजर प्लाट तथा मकान बेच रहे है उनके प्रोजेक्ट का पंजीयन होना जरूरी हैं।
रेरा प्राधिकरण ने कुछ प्रगतिरत् कालोनी और प्रोजेक्ट की पंजीयन के प्रति बेरूखी के चलते अब आमजन को ही यह सुविधा प्रदान की हैं कि यदि उन्हें किसी अपंजीकृत कालोनी और प्रोजेक्ट की जानकारी है तो वह घर बैठे वाट्सएप पर ही इसकी जानकारी रेरा को दे सकते हैं। आमजन प्रगतिरत् प्रोजेक्ट और कालोनी तथा प्लाट और मकान बेच रहे हो उनका रेरा में पंजीकृत न होने संबंधी जानकारी रेरा में देकर पुरस्कृत हो सकते हैं। जानकारी देने वालो के नाम गोपनीय रहेगें। आमजन द्वारा दी जाने वाली जानकारी सही होने पर जहां उस कालोनी और एजेन्ट पर रेरा धारा 59 की दंडात्मक कार्यवाही होगी, वहीं जानकारी देने वालों को पुरस्कार भी मिलेगा। प्रदेश के पंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी रेरा की वेबसाइट www.rera.mp.gov.in पर प्रदर्शित की गई हैं। प्राधिकरण द्वारा अभी तक दो करोड़ रूपये से अधिक के जुर्माने किये जा चुके है।
प्रदेश में अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की पहचान करने के लिए भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा पुरस्कार योजना लागू करने का निर्णय लिया गया हैं। यह योजना 31 दिसम्बर 2019 तक लागू रहेंगी।योजना के तहत आमजनों को अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी देने पर पुरस्कृत किया जायेगा। अपंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी देने पर 1400 रुपये तथा अंपजीकृत एजेंट की जानकारी पर 700 रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा।
अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी प्राधिकरण के जिन स्त्रोतों पर दी जा सकती है उनमें, वाट्सएप नम्बर- 8989880123, ईमेल आईडी- rera.reward@gmail.com] दूरभाष नम्बर- 0755-2557955, पोस्ट के माध्यम से सचिव (रेरा), रेरा भवन, मेन रोड़ नं.-1 भोपाल (म.प्र.) 462016 शामिल हैं।
पंजीकृत परियोजनाएं
रेरा में प्रदेश के भोपाल संभाग में भोपाल जिले में 533, रायसेन में 55, राजगढ़ में 14, सीहोर में 27 तथा विदिशा जिले में 19 परियोजनाओं का पंजीयन हुआ हैं। चबंल संभाग में मुरैना जिले में 03, श्योपुर में 04, भिण्ड में 0, ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में 80, अशोक नगर में 03, शिवपुरी में 05, दतिया में 0, गुना में 08, इन्दौर संभाग के अलीराजपुर में 05, बड़वानी में 21, बुरहानपुर में 09, इन्दौर में 563, जबलपुर संभाग के बालाघाट में 18, छिन्दवाड़ा में 69, जबलपुर में 176, कटनी में 13, मण्डला में 04, नरसिंहपुर में 26, सिवनी में 25 तथा डिण्डोरी जिले में 03 परियोजनाओं का पंजीयन हुआ हैं।
इसी प्रकार से नर्मदापुरम् संभाग के बैतूल जिले में 28, हरदा में 19, होशंगाबाद में 68, रीवा संभाग के रीवा में 28, सतना में 23, सीधी में 02, सिंगरौली में 03, सागर संभाग के छतरपुर में 19, दमोह में 15, पन्ना में 02, सागर में 25, टीकमगढ़ में 05, शहडोल संभाग के शहडोल में 20, अनुपपुर में 05, उमरिया में 04, निवारी में 0, उज्जैन संभाग के आगर-मालवा जिले में 07, देवास में 41, मंदसौर में 60, नीमच में 20, रतलाम में 46, शाजापुर में 07 तथा उज्जैन जिले में 64 परियोजना का पंजीयन कराया जाना शामिल हैं।
रेरा एक्ट के प्रावधान
रेरा एक्ट के मई 2017 में लागू होने के बाद से रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव हुआ है। रेरा एक्ट को लागू होने के पश्चात् सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का रेरा में पंजीयन के अलावा उनकी हर तीन माह में प्रगति प्रतिवेदन देना पड़ता हैं। रेरा एक्ट मूलतः आवंटी केंद्रित है। समय पर प्रोजेक्ट को पूरा न करने पर आवंटितयों को उल्टा मुआवजा भी देना पड़ता है। एक्ट की सफलता के लिये यह आवश्यक है कि सभी नगरों और कस्बों में जो बिल्डर, कालोनाईजर प्लाट तथा मकान बेच रहे है उनके प्रोजेक्ट का पंजीयन होना जरूरी हैं।
आमजन के लिये पुरस्कार योजना
रेरा प्राधिकरण ने कुछ प्रगतिरत् कालोनी और प्रोजेक्ट की पंजीयन के प्रति बेरूखी के चलते अब आमजन को ही यह सुविधा प्रदान की हैं कि यदि उन्हें किसी अपंजीकृत कालोनी और प्रोजेक्ट की जानकारी है तो वह घर बैठे वाट्सएप पर ही इसकी जानकारी रेरा को दे सकते हैं। आमजन प्रगतिरत् प्रोजेक्ट और कालोनी तथा प्लाट और मकान बेच रहे हो उनका रेरा में पंजीकृत न होने संबंधी जानकारी रेरा में देकर पुरस्कृत हो सकते हैं। जानकारी देने वालो के नाम गोपनीय रहेगें। आमजन द्वारा दी जाने वाली जानकारी सही होने पर जहां उस कालोनी और एजेन्ट पर रेरा धारा 59 की दंडात्मक कार्यवाही होगी, वहीं जानकारी देने वालों को पुरस्कार भी मिलेगा। प्रदेश के पंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी रेरा की वेबसाइट www.rera.mp.gov.in पर प्रदर्शित की गई हैं। प्राधिकरण द्वारा अभी तक दो करोड़ रूपये से अधिक के जुर्माने किये जा चुके है।
प्रदेश में अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की पहचान करने के लिए भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा पुरस्कार योजना लागू करने का निर्णय लिया गया हैं। यह योजना 31 दिसम्बर 2019 तक लागू रहेंगी।योजना के तहत आमजनों को अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी देने पर पुरस्कृत किया जायेगा। अपंजीकृत प्रोजेक्ट की जानकारी देने पर 1400 रुपये तथा अंपजीकृत एजेंट की जानकारी पर 700 रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा।
अपंजीकृत प्रोजेक्ट और एजेंट की जानकारी प्राधिकरण के जिन स्त्रोतों पर दी जा सकती है उनमें, वाट्सएप नम्बर- 8989880123, ईमेल आईडी- rera.reward@gmail.com] दूरभाष नम्बर- 0755-2557955, पोस्ट के माध्यम से सचिव (रेरा), रेरा भवन, मेन रोड़ नं.-1 भोपाल (म.प्र.) 462016 शामिल हैं।
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