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मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के तहत स्वरोजगार हेतु कृषक पुत्र-पुत्री करें आवेदन

प्रदेश सरकार द्वारा किसान परिवारों के युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के उद्योग, सेवा, व्यवसाय प्रारंभ करने के उदेश्य से मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिए कृषक पुत्र-पुत्री को न्यूनतम दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए तथा आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
    मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के अंतर्गत 50 हजार रूपए से दो करोड़ रूपए तक की परियोजना के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है। प्रदेश सरकार द्वारा योजना के तहत सामान्य वर्ग के आवेदक को परियोजना लागत पर मार्जिनमनी सहायता अनुदान 15 प्रतिशत अधिकतम एक लाख रूपए तथा पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार 50 हजार रूपए से 10 लाख रूपए तक की परियोजना पर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ावर्ग, विकलांग, अल्पसंख्यक तथा सभी वर्ग की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत अधिकतम रूपये 2 लाख रूपए अनुदान तथा पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है। योजना के तहत महिलाओं को 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है।
    इसी प्रकार मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के अंतर्गत 10 लाख रूपए से दो करोड़ तक की परियोजना लागत पर समस्त वर्गां के लिए मशीनरी, उपकरण स्थायी निवेश पर 15 प्रतिशत अधिकतम 12 लाख रूपए मार्जिनमनी सहायता एवं ब्याज अनुदान पुरूष वर्ग को 5 प्रतिशत और महिला वर्ग को 6 प्रतिशत प्रदान किया जाता है। आवेदक को दसवी उत्तीर्ण मार्कशीट, स्थानीय निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साईज फोटो, भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिका की छायाप्रति तथा खसरे की प्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति साथ लाना अनिवार्य है। आवेदक एमपी ऑनलाईन के माध्यम से आवेदन कर सकते है। योजना में कृषि कार्य के अतिरिक्त सभी प्रकार के व्यवसाय-व्यवसायिक वाहन आदि के लिए आवेदन किया जा सकता है। योजना में कृषक भूमि पात्र कृषक पुत्र-पुत्री की पहचान के लिए भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की प्रथम पेज की प्रति तथा खसरे की नकल की छायाप्रति संलग्न करना अनविर्य है। मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में भूमि बंधक किये जाने का प्रावधान नही है


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