टीकमगढ़
जिले के ग्राम लुहरगवां में युवा कृषक संजू अहिरवार ने अपने खेत में शेडनेट हाउस बनाकर उसमें आम,अमरूद,मसाले और फूलों की खेती से लगभग तीन गुना अधिक आय अर्जित की है। संजू बरसों से परम्परागत खेती से बहुत कम आमदनी होने से परेशान रहता था। उद्यानिकी विशेषज्ञों की सलाह पर संजू ने खेत में देसी बाँस का शेडनेट हाउस बनवाया। सब्जी की फसल से उद्यानिकी खेती की शुरूआत कर जब मिर्च, टमाटर और अन्य सब्जियों की फसल ली, तब मुनाफे का जरिया पैदा हुआ।
कृषक संजू अहिरवार को अब विश्वास हो गया है कि देसी खेती का आधुनिक तरीका जैविक खेती ही है। इससे प्रकृति और पर्यावरण के बीच संतुलन बना रहता है। खेती में भी अच्छा फायदा होता है। अब संजू अपने खेतों में गोबर खाद, कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फसल अवशेष आदि पोषक तत्वों का प्रयोग करता है। समय-समय पर जैविक कीटनाशकों के उपयोग से अपनी फसल को सुरक्षित भी रखता है।
परम्परागत खेती के साथ उद्यानिकी फसलें लेने से कृषक संजू अहिरवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
(खुशियों की दास्ताँ)
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